क्या हमारा शरीर बिजली उत्पन्न करता है?
हम सभी ने मछलियों के बारे में सुना है जो विद्युत धारा उत्पन्न करती हैं लेकिन यह जानकर आश्चर्य होता है कि हमारा शरीर स्वयं विद्युत धारा उत्पन्न करता है। हमारे शरीर के अंगों से बिजली ही नहीं चुंबकीय तरंगें भी निकलती हैं। हमारे शरीर में उत्पन्न विद्युत धारा हमारे शरीर की नसों और मांसपेशियों को नियंत्रित करने और काम करने में मदद करती है। वास्तव में हमारे शरीर की सभी गतिविधियों और कार्यों में किसी न किसी रूप में बिजली की खपत होती है। मांसपेशियों की शक्ति अपने आप में विद्युत आवेशों के आकर्षण और प्रतिकर्षण का एक उत्पाद है। मस्तिष्क के कार्य विद्युत प्रकृति के होते हैं। मस्तिष्क द्वारा प्राप्त और भेजे गए सभी संदेश ऊतकों द्वारा विद्युत आवेगों के रूप में प्रेषित होते हैं। कुछ विशेष प्रकार के कार्यों को करने के लिए अनेक विद्युत संकेत उत्पन्न होते हैं। ये विद्युत संकेत विशेष प्रकार की कोशिकाओं में विद्युत-रासायनिक क्रियाओं द्वारा उत्पन्न होते हैं। इन विद्युत संकेतों को माप कर कई शारीरिक विकारों का पता लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, हृदय की कार्यप्रणाली में किसी भी प्रकार की अनियमितता का पता हृदय के विद्युत संकेतों द्वारा लगाया जा सकता है। इसी प्रकार मांसपेशियों, मस्तिष्क, आँखों आदि से उत्पन्न विद्युत संकेतों को रिकॉर्ड किया जा सकता है और उसके आधार पर इनमें से किसी भी अंग की खराबी का पता लगाया जा सकता है। इलेक्ट्रोमायोग्राम का उपयोग मांसपेशियों के विद्युत संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। हृदय और मस्तिष्क के लिए विद्युत संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए क्रमशः इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और इलेक्ट्रो-एन्सेफलोग्राम का उपयोग किया जाता है। दिल के चुंबकीय संकेतों के लिए, इलेक्ट्रो-मैग्नेटोकार्डियोग्राम का उपयोग किया जाता है। विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ इन विद्युत संकेतों का विश्लेषण करके विभिन्न शारीरिक बीमारियों का पता लगा सकते हैं। रोग का पता चलने के बाद उचित उपचार दिया जा सकता है।