हमे पता है हवा में नमी होती है और यह नमी हवा में उपस्थित जलवास्प के कारण होता है।
ओस का formation हवा में उपस्थित जलवास्प के condense होने के कारण होता है ,रात्री मे जब धरती ठंडी होती है तो हवा में उपस्थित जलवास्प condense होकर ओस की बुंदों मे बदल जाता है , यह सुबह के समय सूर्य की रौसनी की गर्मी से पुनः जलवास्प मे convert होकर गायब हो जाता है ।
इसे समझने के लिए हम एक ग्लास पानी लेते है उसमे बर्फ काएक छोटा टुकड़ा डालते है ,जिससे की glass का contact surface ठंढा हो जाता है, यहाँ contact surface ठंडा होने के कारण वायु मे उपस्थित जलवास्प condense होता है और ग्लास के surface पर आ जाता है। यहाँ यदि हम glass surface को धरती माने तो हम पाएगे वो ओस की बुँदे ही है जो glass surface के contact मे है ।