समुद्र का पानी खारा क्यों होता है?
सभी जानते हैं कि समुद्र का पानी खारा होता है। इसका मतलब है कि समुद्री जल में कुछ नमक घुला हुआ रूप में मौजूद है। एक गैलन समुद्री जल में लगभग सौ ग्राम नमक होता है। सामान्य तौर पर, समुद्री जल में 4% से 6% नमक होता है। खुले समुद्रों की तुलना में भूमध्य सागर तथा लाल सागर जैसे बंद समुद्रों में नमक की मात्रा अधिक होती है। यदि सभी महासागरों के नमक को एकत्र कर सुखाया जाए तो इस नमक से 288 किलोमीटर ऊंची और 1.6 किलोमीटर मोटी दीवार बनाई जा सकती है, जो भूमध्य रेखा के साथ-साथ पृथ्वी की पूरी परिधि को घेरने के लिए काफी लंबी होगी। क्या आप जानते हैं कि समुद्र के पानी में यह नमक कहां से आता है? नमक पानी में घुलनशील है। वर्षा का पानी पृथ्वी की पपड़ी में मौजूद नमक और अन्य खनिजों को नदियों में ले जाता है (जो नदी के पानी को खारा बना देता है) जो बदले में उन्हें समुद्र में ले जाता है। महासागरों का जल वायुमण्डल में वाष्पित हो जाता है और पुनः वर्षा के रूप में पृथ्वी पर गिरता है, परन्तु नमक महासागरों में रह जाता है क्योंकि नमक वाष्पित नहीं हो सकता। यह चक्र लाखों वर्षों से जारी है और इसके परिणामस्वरूप महासागरों में नमक की मात्रा लगातार बढ़ रही है। यह समुद्री जल में बड़ी मात्रा में नमक की उपस्थिति की व्याख्या करता है। हमारी रसोई में प्रतिदिन हमारे द्वारा उपयोग किया जाने वाला सामान्य नमक समुद्र के पानी से या लवणीय झीलों के पानी से उत्पन्न होता है।